EPFO से आई राहत भरी खबर ,अब वेबसाइट पर क्लेम सेटल करने में नहीं होगी किसी प्रकार की समस्या, ये हो रहे हैं बदलाव।
EPFO: ईपीएफओ के पोर्टल और एप्लीकेशन में अब परिवर्तन होने जा रहा है अगले दो से तीन महीने में वेबसाइट और ऐप पर आ रही समस्याओं को सुलझा दिया जाएगा। श्रम मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद यह टाइम पे किया गया है।
EPFO ने अपने पी एफ सदस्यों को एक बड़ी राहत दी है इससे ईपीएफओ मेंबर्स को वेबसाइट पर आने वाली दिक्कतों से निजात मिलने वाली है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने निर्देश दे दिया कि अगले दो से तीन महीने के अंदर ईपीएफओ के पोर्टल और ऐप पर आ रही दिक्कत को दूर किया जाए।
नई वेबसाइट और एप्लीकेशन पर आ रही लोगिन से लेकर क्लेम सेटेलमेंट की सुविधा पहले से कहीं ज्यादा ठीक होने की संभावना जताई जा रही है।
ईपीएफओ इसके लिए नया आईटी सिस्टम वर्जन 2.01 लॉन्च करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
नया सिस्टम आने के पश्चात किसी भी ईपीएफओ मेंबर को नौकरी बदलने पर मेंबर आईडी के स्थानांतरण की समस्या नहीं होगी और शिकायत मिल रही थी कि मौजूदा ईपीएफओ पोर्टल पर बहुत सी समस्याएं आ रही है। इसमें सबसे अधिक परेशानी तो यह थी की वेबसाइट पर जब हम लोगिन करते हैं तो यह ठीक टाइम पर लॉगिन ही नहीं होती है।
अगर लोगिन हो भी जाती है तो फिर केवाईसी अपडेट मांगने लगता है जबकि केवाईसी पहले से की भी होती है। इसके अलावा कई मेंबर्स ने बताया कि जब हम अपना फंड क्लेम नहीं कर पाते हैं तो इसके पीछे बड़ी वजह है कि इसका सर्वर ही बहुत कमजोर है।
क्या कारण है कि ईपीएफओ की वेबसाइट और एप्लीकेशन में इतनी समस्या आ रही है।
मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि पोर्टल पर सदस्य बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण एक साथ इतना बड़ा ट्रैफिक यह सर्वर मैनेज नहीं कर पा रहा है। अभी जी आईटी सिस्टम पर ईपीएफओ पोर्टल काम करता है उसकी कैपेसिटी बहुत ही कम बताई जा रही है अब नए अपडेट के बाद लिए गए सर्वर से इन समस्याओं से निजात मिलने की पूरी आसार है।
इपीएफ ओ वेबसाइट और एप्लीकेशन में क्या-क्या होने वाला है सुधार।
इस आए हुए अपडेट सिस्टम में क्लेम सेटेलमेंट की सुविधा ऑटो प्रोसेसिंग मोड पर होने वाली है सभी पेंशन भोगियों को एक के तारीख पर ही पेंशन मिलेगी यु ए एन आधारित ईपीएफओ बैलेंस देखने की सुविधा अब पहले से आसान होने वाली है। अगर ईपीएफओ सदस्य नौकरी बदलता है तो एम आईडी के ट्रांसफर करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
एक संस्थान से दूसरे संस्थान में राशि ट्रांसफर करने का झंझट भी अब नए अपडेट के बाद नहीं रहने वाला है