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हरियाणा में गेहूं की पछेती बिजाई 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक की जा सकती है जाने उच्च क्वालिटी टाइम के अनुसार बीज के बारे में पूरी जानकारी

हरियाणा में गेहूं की पछेती बिजाई 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक की जा सकती है जाने उच्च क्वालिटी टाइम के अनुसार बीज के बारे में पूरी जानकारी
 

कम पानी वाले इलाकों में गेहूं की सी-306 की बिजाई का उपयुक्त समय है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक इस गेहूं की बिजाई करें। कम उपजाऊ, कम सिंचित दशा व बारानी क्षेत्रों के लिए डब्ल्यूएच 1080 एवं डब्ल्यूएच-1025 का प्रयोग भी कर सकते हैं। मध्यम उपजाऊ व कम सिंचित दशा के लिए डब्ल्यूएच-1142 एवं डब्ल्यूएच-147 का प्रयोग करें।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि सिंचित उपजाऊ भूमि में अगेती व समय पर बिजाई के लिए 25 अक्तूबर से 5 नवम्बर तक डब्ल्यूएच-1105, डब्ल्यूएच-1184, डब्ल्यूएच-1270, एचडी-2967, डीबीडब्ल्य-88, डीपीडब्ल्यू 621- 50, एचडी 3086, डब्ल्यूएच-283, पीबीडब्ल्यू-550, डब्ल्यूएच-542 की सिफारिश की जाती है। पछेती बिजाई 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक की जा सकती है। पछेती गेहूं के लिए डब्ल्यूएच-1021,डब्ल्यूएच91124, डीबीडब्ल्यू-90, एचडी-3059 एवं राज 3765 किस्मों का प्रयोग करें। कठिया गेहूं के लिए डब्ल्यूएच-896, डब्ल्यूएच-912, डब्ल्यूएचडी-943 किस्मों का प्रयोग करें। पीला रतुआ प्रभावित हरियाणा के उत्तर- पूर्वी क्षेत्रों में किसान पीबीडब्ल्यू-343, पीबीडब्ल्यू-373, डब्ल्यूएच-711, एचडी-2851, डीबीडब्ल्यू-17, सुपर,बरबट किस्में न उगाएं, क्योंकि ये किस्में पीला रतुआ रोग के लिए अत्यंत रोगग्राही हैं। पछेती बिजाई के लिए 50 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ पर्याप्त है। बिजाई कतारों में, खाद-बीज ड्रिल या पोरा विधि से 20 सैंटीमीटर की दूरी पर करें। ध्यान रहे कि देसी किस्मों की बिजाई लगभग 6-7 सेंटीमीटर तथा बौनी किस्मों की बिजाई 5-6 सेंटीमीटर से अधिक गहरी न करें।

खरपतवारों की रोकथाम के लिए 2,4-डी का प्रयोग करें

खरपतवारों की रोकथाम के लिए फसल की शुरू की बढ़वार में लगभग 30 दिन के अंदर ही एक बार निराई-गुड़ाई करें। यदि खरपतवारों की रोकथाम शाकनाशकों द्वारा करनी हो तो चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए 2,4-डी का प्रयोग करें। इसके लिए 250 ग्राम 2, 4-डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत को या 300 मिली 2,4-डी एस्टर 34.6 प्रतिशत या एलग्रीप 8 ग्राम 250 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें। गेहूं में मालवा, जंगली पालक, हिरणखुरी व अन्य चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण हेतु कारफेनट्राजोन ईथाइल (एफिनिटी) 40 प्रतिशत डीएफ की 20 ग्राम प्रति एकड़ या सभी प्रकार के चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण हेतु लेनफिडा मेटसल्फ्यूरॉन 10 प्रतिशत, कारफेनट्राजोन 40 प्रतिशत मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 0.2 प्रतिशत सहाय पदार्थ के हिसाब से 200-250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।