पेंशन भोगियों के लिए बड़ी राहत,सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल की कम्युटेशन रिकवरी पर विशेष याचिका खारिज की जिस कारण पेंशन भोगियों को पूरी पेंशन बहाल करने की अनुमति मिली
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए 15 साल की कम्युटेशन रिकवरी को चुनौती देने वाली एक विशेष याचिका को खारिज कर दिया है। जिस कारण देश भर के पेंशन भोगियों को एक राहत मिली है। जिन्होंने अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा पहले लिया था। अब 15 साल का टाइम पूरा होने के बाद अपनी पूरी पेंशन पुन: प्राप्त कर सकेंगे।
क्या होता है कम्युटेशन रिकवरी
इसका मतलब है की पेंशन भोगी अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा एक मूश्त राशि के रूप में पहले ही प्राप्त कर ले। इसके बदले में उन्हें 15 साल तक पेंशन कम मिलती है और इसके बाद उनकी पूरी पेंशन बहाल हो जाती है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पेंशन भोगियों को यह आश्वासन मिला है कि 15 साल के टाइम के बाद उनकी पूरी पेंशन फिर से शुरू कर दी जाएगी।
इस फैसले के बाद क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
इस फैसले से उन पेंशन भोगियों के लिए एक राहत है कि जो मानते थे कि 15 साल के टाइम से पहले ही उनके द्वारा ली गई अग्रिम पेंशन राशि वसूल की जा चुकी है। बहुत से पेंशन भोगियों ने कोर्ट में यह दावा किया था कि उनकी पूरी राशि पहले ही वसूल की जा चुकी है फिर भी उनसे पेंशन की कटौती अभी तक की जा रही है सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस मुद्दे को समाप्त करता है और पेंशन भोगियों को न्याय दिलाता है।
सुप्रीम कोर्ट में कम्युटेशन अवधि को कम करने की मांग पर क्या हुआ।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल के टाइम की याचिका को खारिज कर दिया कुछ राज्य सरकारों ने इसे घटाकर 12 से 13 साल करने की पहल कर दी है तथा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी एक मामले में 12 साल बाद कम्युटेशन की बहाली का आदेश दे दिया है जिससे पेंशन भोगियों को अतिरिक्त वित्तीय राहत मिलने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह निर्णय पेंशन भोगियों के लिए एक जीत है। इससे उनकी दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा में सुधार होगा कम्युटेशन अवधि को घटाने की मांग अब भी जारी है जिस से पेंशन भोगियों को और अधिक लाभ मिल सकता है।