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बारिश के मौसम में धान की फसल को कीट पतंग से कैसे बचाएं किसान

बारिश के मौसम में धान की फसल को कीट पतंग से कैसे बचाएं किसान
 

प्रदेश में इस बार करीब 16.44 लाख हेक्टेयर में धान की फसल की रोपाई की गई है। पिछले कुछ हफ्तों में हुई बारिश के कारण धान की फसल पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। पत्ता लपेट सुंडी धान की फसल को सूखा देती है। ये सुंडियां पत्ते को लपेट लेती हैं और अंदर ही अंदर खा लेती हैं। इससे पत्तों के ऊपर सफेद रंग की धारियां पड़ जाती हैं। कृषि अधिकारी डॉ. विनयकांत ने बताया कि धान की फसल अभी तक अच्छी स्थिति में है। सितंबर में विभिन्न प्रकार के कीट पंतगों के पनपने का मौसम है। कई रोग धीरे- धीरे पौधों के तने में छेद कर सूखा देते हैं, जिससे पैदावार प्रभावित होने से किसानों को भारी नुकसान उठना पड़ता है। अगर समय रहते किसान जागरूक रहें तो फसलों में कीट लगने से बचाया जा सकता है। इस समय फसल में पत्ता लपेट सुंडी, तना छेदक, होप्पर, ब्लास्ट या बदरा व सीथ ब्लाईट या पर्णछंद अंगमारी रोग लग रहे हैं।

तना छेदकः यह मुख्य तने के अंदर घुसकर तने को खाती है। 7.5 किलो ग्राम कारटैप हाइड्रोक्लोरिड 4 जी या इतनी ही मात्रा में रीजेंट 0.3 को 10 किग्रा सूखी रेत में मिलाकर छिड़काव करें।

* प्लानट हापर या फूदकाः यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला कीट है। इनके शिशु व व्यस्क दोनों ही पौधों के तने व पत्तियों से रस चूसते हैं। इससे बचाव के लिए ओसीन 20% एसजी 80 ग्राम प्रति एकड़ या चैस 120 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। •

झुलसा या ब्लास्ट रोगः पत्ती भूरी हो जाती हैं, जिससे फसल झुलसी दिखाई देती है। आइसोप्रोथीयोंलेंन 40% ईसी (फूजीवन) 300 एमएल प्रति एकड़ या 200 ग्राम कारबैंडाजैम 50 डब्ल्यूपी को 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।

* सीय ब्लाइट वा पर्णछंद अंगमारीः सीथ ब्लाइट के धब्बे शुरू में पत्ती के आवरण पर छोटे, पानी से लथपथ, भूरे-हरे धब्बों में दिखाई देते हैं। लक्षण दिखने पर थियाफ्लूजामाइड 24% 150 एमएल या कारबैंडजैम 20% प्लस फ्लूसीलाजोल 12.5% ईसी (लस्टर) 400 ग्राम या वैलडामाईसीन 3% एल को 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।