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राजस्थान वासियों के लिए अच्छी खबर! लंबे समय के इंतजार के बाद इस रेलवे लाइन को मिली मजूरी 

 

Rajasthan Rail Network: राजस्थान के नागौर और अजमेर जिले के लोगों का लंबा इंतजार खत्म होने वाला है. रेल मंत्रालय ने हाल ही में पूरे देश में क्षेत्र की सीधी रेल कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए मेड़ता पुष्कर और मेड़ता रास रेलवे लाइनों को मंजूरी दे दी है। इस खास फैसले से न सिर्फ यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि इन क्षेत्रों के विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे.

30 साल का इंतज़ार खत्म

पिछले 30 वर्षों से अजमेर जिले को मेड़ता से जोड़ने वाली सीधी रेलवे लाइन की आवश्यकता थी। इस जरूरत को समझते हुए रेल मंत्रालय ने फरवरी में मेड़ता पुष्कर और मेड़ता रास रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी इसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे सलाहकार परामर्शदात्री समिति के सदस्यों ने खुशी जताई और इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.

निर्माण कार्य की लागत

नागौर जिले के मेड़ता सिटी में रेलवे परियोजना की कुल लागत 1,680.64 करोड़ रुपये होगी. मेड़ता को पुष्कर और रास से जोड़ने वाले प्रस्तावित रेल ट्रैक की लंबाई 133.037 किमी होगी. इन रेलवे लाइनों के निर्माण में 500.15 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा। इन दोनों परियोजनाओं की शुरुआत नागौर जिले के मेड़ता कस्बे से होगी, जिससे इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ जाएगा.

मेड़ता-पुष्कर और मेड़ता-रास रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान नौ नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। स्टेशन मेड़ता सिटी (कात्यासनी), भैंसड़ा कलां, रियान बड़ी, कोड, नांद, धनेरिया, जसनगर, भुंबलिया और रास में स्थित होंगे। पुष्कर में पहले से ही एक रेलवे स्टेशन है, जिससे रेलवे का निर्माण और भी आसान हो जाएगा।

नागौर, अजमेर और पाली जिलों से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन

मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन नागौर और अजमेर जिलों से होकर गुजरेगी, जबकि मेड़ता-रास रेलवे लाइन नागौर और पाली जिलों को जोड़ेगी। इन रेलवे लाइनों के निर्माण से इन जिलों के बीच यातायात और व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

तीन महीने पहले सांसद दीया कुमारी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेड़ता-पुष्कर और मेड़ता-रास रेलवे लाइन की मंजूरी के बारे में मौखिक रूप से जानकारी दी थी. इसके बाद अब रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड ने दो पत्र जारी कर इन दोनों लाइनों को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। यह फैसला क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसके असर से नागौर और अजमेर जिले में कई बदलाव देखने को मिलेंगे.