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नरवाना के किसान प्रणाली की गांठ बनाकर कमा रहे लाखों रुपए, फसल अवशेष प्रबंधन अपनाकर किसान अपने खेत की बढ़ा सकते हैं उर्वरा शक्ति

नरवाना के किसान प्रणाली की गांठ बनाकर कमा रहे लाखों रुपए, फसल अवशेष प्रबंधन अपनाकर किसान अपने खेत की बढ़ा सकते हैं उर्वरा शक्ति
 

फसल अवशेष प्रबंधन अपना कर किसान अपने खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ साथ प्रदूषण पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभा सकते है। कृषि कल्याण विभाग द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कई - आधुनिक कृषि यंत्र मशीन भारी सब्सिडी प्रदान कर रहे है। फसल अवशेष की गांठे बनकर जहां किसानों - को काफी लाभ मिल रहा है। वहीं नरवाना के सैकड़ों जरूरतमंद मजदूरों - को भी रोजगार मिल रहा है। सरकार - द्वारा कृषि विभाग और जिला प्रशासन के माध्यम से किसानों को अपने खेतों - में फसल अवशेषों को आग न लगाने - के लिए जागरूक कर रहे है। वहीं - किसानों को सरकार की योजनाओं का - लाभ उठा कर वातारण को प्रदूषित होने - से बचाने की अपील कर रहे है। - एसडीओ डा. बलजीत लाठर ने कहा कि सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बड़े प्रयास किए जा रहे है। - खंड कृषि अधिकारी सुरेंद्र मोर ने कहा

कि पराली में आग लगने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है, वही हमारे मित्र कीट भी जलकर नष्ट हो जाते हैं तथा इस प्रदूषण से विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा होती है। उन्होंने कहा कि अगर हम पराली के अवशेष को खेत में ही मिट्टी में मिला दें, तो वह 14 प्रकार के खादों का प्रयोग तैयार होता है। जिससे मिट्टी को बहुत उपजाऊ हो जाती है और कीटनाशक

दवाइयां एवं खाद डालने की जरूरत नहीं रहती है। उन्होंने किसानों से अपील की की वह अपने शरीर में होने वाली बीमारियों से तथा पराली जलाने के कारण हो रहे वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए और अपना जीवन बचाने के लिए प्रणाली के अवशेष को बचाकर अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ा सकते हैं, जिससे उनको सरकार से प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी
और उनकी जमीन की उर्वरा शक्ति भी मिलेगी। इस मौके पर उनके साथ प्रौद्योगिकी सहायक प्रबंधक राजेश कौशिक, प्रवीण कुमार, पुनीत कुमार, सुपरवाइजर संजीत कुमार, अमृतलाल, शाहिद मौजूद थे।

पराली की गांठे बनाकनर लाखों
कमा रहे हैं किसान मोहनलाल

खेत में फसल अवशेष की कृषि यंत्र से गांठे बना रहे गांव धमतान साहिब वासी किसान मोहनलाल ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत सरकार की योजना का लाभ उठाते हुए कृषि यंत्र बेलर लिया हुआ है। जिससे वह कई साल से अपने खेत में फसल अवशेष की गांठे बनकर धमतान में बाहर बने डिपो या फैक्ट्री में बच आते है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेतों में फसल अवशेषों में आग नहीं लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेत में फसल अवशेषों में आग नहीं लगानी चाहिए। वे अपने खेतों में मशीन से पराली की गांठे बनाकर फैक्टरी में बेच देते हैं।