दिल्ली और बंगाल के बुजुर्गों को नहीं मिल सकेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ
दिल्ली और बंगाल के बुजुर्ग आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का सालाना मुफ्त व कैशलेस इलाज की सुविधा से वंचित रह जाएंगे।
इन दोनों राज्यों ने छह साल पहले शुरू की गई इस योजना को अपने यहां लागू नहीं किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आयुष्मान भारत योजना का लाभ 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को देने का फैसला लिया जा चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इसे लांच करने की तैयारी में जुटा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना राज्यों और केंद्र दोनों के सहयोग से चलती है, जिसमें आने वाले खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है और 40 प्रतिशत राशि राज्यों को देनी होती है।
पर्वतीय राज्यों के लिए यह अनुपात 90 और 10 प्रतिशत का है। यानी योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं राज्यों के नागरिकों को मिल सकता है, जो इसमें हिस्सेदारी के लिए सहमत हों। उन्होंने कहा कि अभी तक 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू किया है। केवल बंगाल, दिल्ली और ओडिशा ने इसे लागू नहीं किया है।
ओडिशा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार योजना को लागू करने के लिए तैयार है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है। लेकिन दिल्ली और बंगाल ने अभी तक इस योजना को लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
बड़ी बात यह है कि बंगाल और
दिल्ली के बुजुर्गों को भले ही आयुष्मान योजना का लाभ न मिले, लेकिन इन दोनों राज्यों में इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में अन्य राज्यों के बुजुर्गों को मुफ्त व कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकती है।
दिल्ली में 78 और बंगाल में 52 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। इन अस्पतालों में पहले से ही दूसरे राज्यों के आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को इलाज का लाभ मिल रहा है। जाहिर है अन्य राज्यों के बुजुर्ग भी इन अस्पतालों में इलाज के हकदार होंगे।
दोनों राज्यों ने ने लागू नहीं की है आयुष्मान भारत योजना
साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो 70 साइजना के तहत मिलना है मुफ्त और कैशलेस इलाज
78 अस्पताल दिल्ली और 52 बंगाल में सूचीबद्ध है केंद्र सरकार की इस योजना के तहत