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 धान की खरीद न होने से मंडियों के बाहर लगे धान के ढेर कटौती पर धान बेचने को किसान मजबूर, छुट्टी का बहाना बनाकर अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई

 धान की खरीद न होने से मंडियों के बाहर लगे धान के ढेर कटौती पर धान बेचने को किसान मजबूर, छुट्टी का बहाना बनाकर अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई
 

उपमंडल की मंडियों में दीपावली पर्व और फिर शनिवार व रविवार के अवकाश के चलते पिछले 4 दिन से खरीद नहीं की गई है। इससे मंडियों में धान की जगह नहीं बची और व्यापारियों ने किसानों से कटौती पर धान लेकर अवैध तरीके से बड़े बड़े ढेर लगा दिए हैं। इससे प्राइवेट प्रचेजरों का पंजाब और राजस्थान सहित दूसरे राज्यों से घटिया क्वालिटी का लाया धान भी मिश्रित कर दिया है।

शहर की अनाज मंडी के ए ब्लॉक व बी ब्लॉक के अंदर जगह नहीं है। मंडी के बाहर रोड किनारे और सामने हुडा की जगह पर किसान अपनी धान की फसल उतारने पर मजबूर हो चुके हैं। मंडी में धान की आवक तेजी से हो रही है। जिसमें शहर की अनाज मंडी के अलावा चौटाला रोड पर जनस्वास्थ्य विभाग के पास प्राइवेट प्लिंथ व ग्रामीण मंडियों में धान के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं।

दरअसल मंडियों में दीपावली पर्व के चलते 4 दिन से खरीद नहीं हुई है। खरीद न होने के चलते किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंडियों में जगह न होने के चलते अनाज मंडी के बाहर रोड पर धान के ढेरों पर बेसहारा गोवंश नुकसान पहुंचा रहे हैं। रात को यहां मच्छर की संख्या ज्यादा होने के चलते किसानों को परेशानी हो रही है।

अपनी धान की रखवाली करनी पड़ रही है। जिसके चलते किसानों में रोष बना हुआ है। किसानों ने बताया कि मंडी में हो रही परेशानी के चलते व्यापारी फायदा उठा रहे हैं और कटौती पर धान बेचने को किसान मजबूर है। किसानों ने कहा कि छुट्टी का बहाना बनाकर अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें मजबूरी में अपना धान कम रेट में बेचकर मंडी से जाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि उपमंडल की मंडियों में इस सीजन की अब तक 7 लाख क्विंटल धान की आवक हुई है। जिसमें मात्र 4 लाख 58 हजार 3 क्विंटल की खरीद हुई है जबकि 3 लाख 31 हजार 126 क्विंटल का उठान हुआ है।

इस बारे में खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर बालकरण सिंह ने जवाब देने के लिए कॉल पिक नहीं किया है वहीं हेफैड मैनेजर मुकेश कुमार ने बताया कि छुट्टियों के चलते खरीद नहीं हुई है। खरीद बिना बारदाना जारी नहीं की जा सकता है। मंडी के बाहर लगे ढेरों की खरीद के बारे में मार्केट कमेटी से समन्वय बनाया जाएगा। किसानों को परेशानी नहीं हो और उठान में भी समस्या न आए ऐसा प्रयास करेंगे।