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Solar Expressway : UP के किसानों की हुई चांदी! महंगी होने वाली हैं यूपी के 100 गांवों की जमीनें

Solar Highway: हम जिस एक्सप्रेसवे की बात कर रहे हैं, उसके किनारे सोलर प्रोजेक् ट भी दिख रहे हैं, भले ही जमीनें महंगी हों। इसके लिए सौ गांवों की जमीन खरीदी जाएगी, जिसके बाद जमीन की कीमतें उच्च हो सकती हैं।

 

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश भर में सड़कों और हाईवे का जाल बनाया है। इससे सड़क सुविधाओं और जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि जहां भी एक्सप्रेसवे या हाईवे बनाया गया है, जमीनों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। यूपी में भी हाल ही में एक नया एक्सप्रेसवे खोला गया है और दोनों ओर सोलर प्रोजेक् ट लगाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एक् सप्रेसवे शुरू हो चुका है, लेकिन सोलर परियोजनाओं के लिए सरकार फिर से जमीन खरीदेगी, जिससे आसपास की जमीन की कीमतें बढ़ सकती हैं।

दरअसल, हम बुंदेलखंड सोलर एक् सप्रेसवे (Bundelkhand Solar Expressway) की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था।

यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से चित्रकूट जिले तक करीब 296 किलोमीटर का है। इसे चार लेन में बनाया गया था और 28 महीने में पूरा हो गया था। अब सरकार एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद सोलर प्रोजेक् ट लगाने की तैयारी कर रही है। यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा जिसके दोनों ओर सोलर प्रोजेक् ट लगाए जाएंगे।

1 लाख घरों को बिजली मिलेगी

इस कार्य को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपिडा) करेगा। प्रोजेक् ट का लक्ष्य 550 मेगावाट बिजली उत्पादन करना है, जो एक लाख घरों को प्रकाश दे सकेगा।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इस कार्य को पूरा किया जाएगा। मुख्य सड़क और सेवा लेन के बीच में लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी है, जिस पर सोलर पैनल लगाने का प् लान है, जिससे बिजली बनाई जाएगी।

जमीन की पहचान

सरकार ने एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाने के लिए भी काफी जमीन चिन्हित की है, जिसका अधिग्रहण जल्द ही शुरू होगा। यह स्पष्ट है कि इस प्रोजेक् ट की शुरुआत से एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों की जमीन की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। प्रोग्राम पर काम शुरू करने के लिए आठ सोलर पावर डेवलपर्स ने भी अपना प्रेजेंटेशन पूरा किया है।

100 गाँवों के सीधे लाभ

रेलवे के किनारे सोलर प्रोजेक् ट बनने से करीब सौ गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। सोलर पावर का इस् तेमाल कर हर साल 6 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं। रोड सात जिलों से गुजरेगा और 100 गांवों में एक लाख घरों को बिजली मिलेगी।

जालौन जिले को सबसे अधिक लाभ होगा, क्योंकि उसे 64 गांवों की जमीन मिलेगी। इसमें बांदा के 28 गांव, महोबा के 8 गांव, हमीरपुर के 29 गांव, औरेया के 37 गांव और इटावा के 7 गांव भी शामिल हैं।