{"vars":{"id": "115716:4831"}}

Haryana का पहला ट्रैवलेटर फरीदाबाद में बनेगा मेट्रो रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ेंगे यात्रियों का दोनों स्टेशनों तक आना जाना होगा आसान

Haryana का पहला ट्रैवलेटर फरीदाबाद में बनेगा मेट्रो रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ेंगे यात्रियों का दोनों स्टेशनों तक आना जाना होगा आसान
 
Haryana's first travelator

Haryana's first travelator: शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन, ओल्ड फरीदाबाद मेट्रो स्टेशन आपस में जुड़ेंगे। इसके लिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) ट्रैवलेटर बनाने जा रहा है। करीब 35 करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसका टेंडर होगा।

ट्रैवलेटर बनने से दोनों परिवहन सेवाओं का प्रयोग करने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। दोनों स्टेशनों पर आने-जाने के लिए यात्रियों को पैदल नहीं चलना पड़ेगा। ट्रैवलेटर की सुविधा अधिकांश तौर पर एयरपोर्ट व बड़े शॉपिंग मॉल में मिलती है। फरीदाबाद में बनने वाला ट्रैवलेटर प्रदेश का पहला शहर होगा, जहां यह सुविधा मिलेगी। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जा रहा है। करीब 262 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। स्टेशन से रोज 8 से 10 हजार रेल यात्री सफर करते हैं। रेलवे स्टेशन से ओल्ड मेट्रो स्टेशन की दूरी 500 से 700 मीटर है। अभी दोनों स्टेशनों के यात्रियों को पैदल चलना पड़ता है। इसके लिए एनएचएआई ने हाईवे पर फुट ओवरब्रिज बनाया है।

एस्केलेटर की तरह ट्रैवलेटर पर भी यात्री चल सकेंगे

ट्रैवलेटर सपाट कन्वेयर बेल्ट है, जो यात्रियों को थोड़ी सी ढलान पर छोटी से मध्यम दूरी तक ले जाता है। एस्केलेटर की तरह यात्री ट्रैवलेटर पर खड़े हो सकते हैं या चल सकते हैं। यह स्थिर गति से आमतौर पर 0.5 से 1 मीटर प्रति सेकेंड के बीच चलता है। ट्रैवलेटर का उपयोग अक्सर हवाई अड्डों या शॉपिंग सेंटर में लोगों को अलग-अलग स्थानों के बीच जाने में मदद करने को किया जाता है। एस्कलेटर और ट्रैवलेटर दोनों का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को ले जाने के लिए किया जाता है। इसमें अंतर यह है कि एस्कलेटर लोगों को भवन के विभिन्न स्तरों के बीच ऊपर या नीचे ले जाता है। जबकि ट्रैवलेटर लोगों को छोटी से मध्यम दूरी तक क्षैतिज रूप से या थोड़ी ढलान पर ले जाता है।

प्रशासनिक मंजूरी मिल गई, जल्द ही इसका टेंडर होगा

ओल्ड फरीदाबाद स्टेशन, मेट्रो स्टेशन के बीच ट्रैवलेटर प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट होगा। इसकी प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। जल्द की इसका टेंडर होगा। इस पर करीब 35 करोड़ की लागत आएगी। शहरवासियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा मिलेगी। - रमेश बागड़ी, चीफ इंजीनियर, एफएमडीए