{"vars":{"id": "115716:4831"}}

दसवीं वर्षगांठ पर वित्त मंत्री ने कहा जनधन योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेश पहल

दसवीं वर्षगांठ पर वित्त मंत्री ने कहा जनधन योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेश पहल
 
Jan Dhan Yojana :प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल है।

यह गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में लाने के साथ ही हाशिये पर पड़े लोगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। योजना की 10वीं वर्षगांठ पर अपने संदेश में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'बैंक खाते, छोटी बचत योजनाओं, बीमा और कर्ज सहित सार्वभौमिक और सस्ती वित्तीय सेवाएं प्रदान करके योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग और वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है।'

वित्त मंत्री ने कहा कि योजना की सफलता की पुष्टि इसी बात से होती है तो जनधन खाते खोलकर 53 करोड़ लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया गया। इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं और इसके परिणामस्वरूप 36 करोड़ र से अधिक निःशुल्क रूपे कार्ड जारी ि किए गए हैं, जो दो लाख रुपये न का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान नि करते हैं।


सबसे खास बात यह है कि खाता खोलने और उसने बनाए रखने के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इतना ही नहीं मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष, 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में जनधन योजना की घोषणा की थी और उसी वर्ष 28 अगस्त को इसकी शुरुआत की गई थी।

महिला विश्व बैंकिंग की दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख कल्पना आजयेण का कहना है कि पिछले एक दशक के दौरान जनधन योजना ने बिना बैंक खाते वाले व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना का प्रभाव महिलाओं की बढ़ती वित्तीय भागीदारी से स्पष्ट है, जिनके पास अब बचत करने, निवेश करने और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का अवसर है।

योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग और वित्तीय परिदृश्य को पूरी तरह बदल डाला

* पीएम मोदी ने वर्ष, 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में इस योजना का किया था एलान


67% जनधन खाते ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में खोले गए

वित्त मंत्री ने कहा कि यह जानकारी खुशी हुई कि 67 प्रतिशत जनधन खाते ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं और कुल खातों में 55 प्रतिशत अकाउंट महिलाओं द्वारा खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि जनधन-मोबाइल- आधार को जोड़ने के माध्यम से बनाई गई सहमति आधारित पाइपलाइन वित्तीय समावेशन ईकोसिस्टम के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। इसने पात्र लाभार्थियों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित, निर्वाध और पारदर्शी हस्तातरण सभव बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है।

14.72 में करोड़ जनधन खाते थे मार्च, 2015 में

12.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं इन खातों में फिलहाल अभी

4,352 रुपये औसत जमा रकम थी प्रति खाते में 14, अगस्त, 2024 तक

36.06 करोड रूपे डेविट कार्ड जारी किए गए जनधन योजना के तहत अव तक

89.67 पेओएस य एमपीओएस स्थापित किए गए योजना के लांच होने के बाद

53.13 करोड़ जनधन खाते हो गए 14 अगस्त, 2024 में

15,670 करोड़ रुपये जमा थे मार्च, 2015 में इन खातों में

10 हजार रुपये तक का ओवरड्राफ्ट ले सकता है खाताधारक