अमेरिकी फेडरल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना को देखते हुए सोने के भाव में होगी भरमार तेजी।
gold prices:अमेरिकी फेडरल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना को देखते हुए सोने के भाव में मजबूती का रुझान शुरू हो गया है।
सितंबर में फेडरल बैंक द्वारा नीतिगत दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती संभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद सोने के दाम में और तेजी आएगी।
भू-राजनीतिक अनिश्चितता को देखते चीन, भारत, ब्राजील, टर्की जैसे देश पिछले एक साल से काफी अधिक मात्रा में सोने की खरीदारी कर रहे हैं। इससे भी सोने के भाव में तेजी को समर्थन मिलेगा। सोने की खपत सबसे अधिक चीन और भारत में होती है। इस साल जून में भारत सरकार के पास 841 टन सोने का रिजर्व था। जेपी मार्गेन के मुताबिक वर्ष 2024 में चीन पिछले साल की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक सोने की खरीदारी कर सकता है।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर ने बताया कि सोने के भाव में मजबूती जारी रहेगी और तेजी इस बात पर निर्भर करेगी कि फेडरल रेट में कितनी कटौती होती है। वहीं मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच मंगलवार को स्थानीय बाजार में सोने की कीमत में पिछले एक महीने में सबसे तेज वृद्धि देखी गई औरयह 1,400 रुपये बढ़कर 74,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। पिछले एक सप्ताह में सोने के भाव में 3400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की तेजी आई है।
सितंबर में फेडरल रिजर्व कर सकता है 25-50 आधार अंकों की कटौती
* भारत कई दिनों से कर रहा सोने की खरीदारी, इससे भी कीमतों को मिल रहा समर्थन
कच्चे तेल में नरमी से भी सोने के भाव को मिलेगी मजबूती
पीएचडी चेंबर्स के मुख्य अर्थशास्त्री एसपी शर्मा ने बताया कि सोने के दाम में तेजी है, लेकिन अभी इसमें और तेजी आ सकती है। इसे फेडरल रेट में कटौती का इंतजार है। रेट में कटौती होने पर डालर कमजोर होगा और अमेरिका में लोन सस्ता होने पर बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे सोने की खरीदारी बढ़ेगी। डालर के कमजोर होते ही सोने के दाम एसपी शर्मा चढ़ने लगते हैं क्योंकि तब सोना निवेशकों की पसंद बन जाता है। दुनिया के कई क्षेत्रों में युद्ध जैसी परिस्थिति को देखते हुए कच्चे तेल में तेजी की संभावना नहीं दिख रही है। इससे भी सोने के भाव को मजबूती मिलेगी।