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RBI:बैंकों में जमा राशि और दिए गए लोन के बीच अंतर पर स्पष्ट नजर रखे बैंक.

बैंकों में जमा राशि और दिए गए लोन के बीच अंतर पर स्पष्ट नजर रखे बैंक.
 

RBI:बैंकों को ऋण और जमा वृद्धि के बीच अंतर पर सावधानीपूर्व नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि भविष्य में यह समस्या एक चुनौती बन सकती है, जिससे नकदी की दिक्कत पैदा हो सकती है।

एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'बैंकों को महत्वाकांक्षी युवा भारतीयों की निवेश रणनीतियों में आ रहे बदलाव पर फोकस करना चाहिए। बैंकों को जमा बढ़ाने के लिए न केवल नए उत्पाद और सेवाएं पेश करनी चाहिए बल्कि इसके लिए अपने विशाल शाखा नेटवर्क का भी उपयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक बात यह है कि बैंक इन दिनों आकर्षक दरों पर बुनियादी ढांचे के बांड के जरिये धन जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के कारण ऋण वृद्धि में तेजी आई जबकि जमा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर भौतिक चैनलों का इस्तेमाल करना पड़ता है।

लगातार दूसरे साल शक्तिकांत दास शीर्ष केंद्रीय बैंकर बने

आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास को अमेरिका की 'ग्लोबल फाइनेंस' पत्रिका ने लगातार दूसरे साल वैश्विक स्तर पर शीर्ष केंद्रीय बैंकर का दर्जा दिया है। उन्हें 'ए प्लस' रेटिंग दी गई है।' डेनमार्क के क्रिश्चियन केटल और स्विटजरलैंड के थामस जार्डन को भी केंद्रीय बैंकरों की 'ए प्लस' श्रेणी में रखा गया है.

मुद्रास्फीति पर निर्भर करेगी रेपो रेट में कटौती

दास ने कहा कि अगर मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहती है तो रेपो रेट में कमी का फैसला लिया जा सकता है। जुलाई में खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई कमी पर्याप्त नहीं थी। दास ने कहा, 'हमें विश्वास होना चाहिए कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के आसपास रहेगी। इसके लिए हमें धैर्य रखना होगा।