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देश के 28 राज्यों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक बेरोजगारी गोवा में और सबसे कम बेरोजगारी हरियाणा में जाने आंकड़े

देश के 28 राज्यों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक बेरोजगारी गोवा में और सबसे कम बेरोजगारी हरियाणा में जाने आंकड़े
 

हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक 11 दिन पहले आई सरकारी रिपोर्ट कहती है कि एक साल के अंदर देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में घटी है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2023-24 के मुताबिक, हरियाणा में बेरोजगारी दर 3.4% है, जो 2022-23 में 6.1% (गोवा 9.7% के बाद सर्वाधिक) थी। मगर, एक साल के अंदर इसमें 2.7% की गिरावट दर्ज की गई, जो देश के किसी भी अन्य राज्य से कहीं अधिक है। वहीं, मप्र देश का एकमात्र राज्य है, जहां बेरोजगारी दर 1% से भी कम (0.9%) है। इस सूची में दूसरे नंबर पर गुजरात (1.1%) और तीसरे पर झारखंड (1.3%) है।

पर्यटन की शान माने जाने वाले गोवा में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा 8.5% है। इसी तरह साक्षरता दर में देश में अव्वल केरल में बेरोजगारी दर 7.2% है। जबकि देश की औसत बेरोजगारी दर 3.2% है। देश में सिक्किम का लेबर पार्टिसिपेशन रेट यानी राज्य की कुल आबादी में काम करने या काम खोजने वाले लोग सबसे अधिक 60.5% हैं। महिलाओं की हिस्सेदारी 55% और पुरुषों की 65% है। इस सूची में बिहार 29% के साथ सबसे नीचे है। इसके बाद यूपी (33.8%) और झारखंड (34.6%) का नंबर आता है। देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों का लेबर पार्टिसिपेशन रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसी तरह, कुल आबादी में काम करने वालों की संख्या यानी वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो देखें तो सिक्किम (58.2%) सबसे ऊपर है। छत्तीसगढ़ (51.3%) दूसरे पर है।

पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के ये सभी आंकड़े प्रतिशत में।

देश के 11 प्रमुख राज्यों की बात करें तो पंजाब में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 5.5% है, जो पिछले साल 6.1% थी। राजस्थान दूसरे पर है।

* 6 साल की बेरोजगारी दर देखें तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सबसे कम 0.8% की गिरावट आई। दिल्ली में सबसे ज्यादा 7.6% कमी आई।

* छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 51% लोग कोई न कोई काम करते हैं। इस सूची में गुजरात (45%) दूसरे और महाराष्ट्र (44.5%) तीसरे नंबर पर।

* पिछले 6 साल में सबसे ज्यादा १% बढ़ोतरी गुजरात ने दर्ज की है। मप्र एकमात्र राज्य है, जहां काम करने वालों में 1.4% की गिरावट आई है।

कामकाजी आबादी को तीन वर्गों में बांटा गया है। स्वरोजगार, नौकरीपेशा और दिहाड़ी मजदूर। देश में स्वरोजगार वाले सबसे ज्यादा 78% अरुणाचल में हैं। सर्वाधिक 72.9% नौकरीपेशा चंडीगढ़ में हैं। दिहाड़ी मजदूरों की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी तमिलनाडु (31%) में है।

* 11 प्रमुख राज्यों में देखें तो यूपी में स्वरोजगार वाले सबसे ज्यादा 72.7% हैं। नौकरीपेशा में दिल्ली 56.1% के साथ टॉप पर है। दिहाड़ी मजदूरों में बिहार 23.8% के साथ सबसे ऊपर। वहीं, देश में स्वरोजगार वाले 58.4%, नौकरी वाले 21.7% और दिहाड़ी वाले 19.8% हैं।

महाराष्ट्र में 46% लोग या तो काम कर रहे या काम की तलाश में हैं...

लेबर पार्टिसिपेशन रेट के मामले में 11 प्रमुख राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ (52.8%) टॉप पर है। महाराष्ट्र (46%) दूसरे व गुजरात (45.8%) तीसरे नंबर पर है। देश में सभी उम्र के लिए ये 40.3% है। 2022-23 में 39% था

देश में स्वरोजगार करने वाले 39% लोग अकेले काम कर रहे हैं। 19.4% अपने परिवार के कारोबार में हाथ बंटाते हैं। इन्हें अलग से कोई वेतन नहीं दिया जाता। कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा 82% स्वरोजगार वाले हैं। 17% दिहाड़ी वाले हैं।